नैन
विषय- नैन!
विधा- छंद आधारित गीतिका!
मापनी- 2122,2122,2122,2122
हैं कटीले नैन तेरे देख प्रेमी भूल जाते !
रोशनी के तेज से ही दर्द सारे भूल जाते !!
लो नशे की आँच आई चैन था वो जल रहा है,
नैन जो संकेत देती स्वप्न सारे भूल जाते !
डूबता ही जा रहा हूँ आँख की गुफ्तगू में,
झील सी प्यारी सलोनी रागिनी में भूल जाते!
मोहिनी के मोह में सारा जमाना डूबता है,
नैन की इस लालिमा मैं बंदगी ही भूल जाते!
कालिमा की रेख से सौन्दर्य शोभा भोर होती ,
कामना की डोर प्यारी आशियाना भूल जाते!
वक़्त का अंजाम भारी बेबसी में जिंदगी हैं ,
नैन की भाषा निराली होश सारे भूल जाते!
देखता हूँ आज क्या मैं नेन का यह रूप कैसा,
घोसले हैं पंछियों के मौत कैसे भूल जाते !
हैं कटीले नैन तेरे देख प्रेमी भूल जाते !
रोशनी की आंच से ही दर्द सारे भूल जाते !!
छगन लाल गर्ग विज्ञ!