नेहरु-इंदिरा गल्ती कर गए!
गल्ती कर दी,गल्ती कर गयी,
नेहरु-इंदिरा गल्ती कर गए!
बना के ये आधार भूत ढांचा,
पढ़ने को खुलवाई पाठशाला,
हुनर सीखने को बनाई कार्यशाला,
अन्न धन को उर्बरा खेत बनाए,
आवागमन को रेलें चलवाई,
काम धाम को उद्योग लगवाए,
बनते गए विकास के नए पैमाने,
नई उमंग में नये ढंग में,
रखकर देश को सबके सामने,
मताधिकार का हक दिलवाकर,
सबको एक समान बता कर,
लोकतंत्र को अंगीकार करा कर,
जनता से जनप्रतिनिधि चुनवा कर,
सुई से लेकर वायुयान बना कर,
हर कार्य में पारंगत बना कर,
फिर भी वह तो गल्ती कर गए,
नेहरु इंदिरा तुम गल्ती कर गए!
बनाए होते मंदिर मस्जिद,
या गुरद्वारा, और गिरीजा घर,
मंदिर मस्जिद घुमते रहते,
धर्म संप्रदाय का ज्ञान बघेरते,
हिंदू के संग हिंदू रहते,
मुस्लिम के बनकर मुस्लिम,
सिखों के संग संगत करते,
या ईसाईयों के संग बाइबल पढ़ते,
हे स्वपन दृष्टा, तुमने क्या सोचा,
जो ऐसा भारत हमको सौंपा,
जहां तुम्हें है कोसा जाता,
देश विभाजन का दोषी ठहरा कर,
और सत्ता का लोभी बतला कर,
पहले कहते थे यदा कदा,
अब छाती ठोककर कर कह रहे हैं चिल्ला-चिल्ला!
गल्ती कर दी, गल्ती कर गए,
नेहरु जी तुम तो बड़ी भारी गल्ती कर गए!
हे प्रियदर्शिनी इंदिरा,
तुमने भी तो कुछ सोचा होगा,
क्या सोचते हुए परमाणु संपन्न बनाया,
क्या सोचते हुए पाकिस्तान को दो भागों में बंटवाया,
अरुणाचल को भारत में मिलवाया,
गोवा को स्वतंत्र कराया,
फिर भी तुम स्वीकार्य नहीं,
हिंदू मुस्लिम में ही हो बंटी हुई,
अपनी कुर्बानी देकर चली गई,
तब भी तुम स्वीकार्य नहीं,
गल्ती कर गई,गल्ती कर गई,
इंदिरा तुम भी गल्ती कर गई!