!!नेता!!
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~~~~~!!नेता!!~~~~~
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“मौसमी
बारिश में,
शब्दों के
शातिर पतंगे!
उड़ते हुए
गुनाह करते हैं।
द्युति, सूरज की
चुरा लेते हैं!!”______दुर्गेश वर्मा
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~~~~~!!नेता!!~~~~~
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“मौसमी
बारिश में,
शब्दों के
शातिर पतंगे!
उड़ते हुए
गुनाह करते हैं।
द्युति, सूरज की
चुरा लेते हैं!!”______दुर्गेश वर्मा