नेता (पाँच दोहे)
नेता (पाँच दोहे)
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(1)
नेताओं को देखिए, राजाओं- सी शान
जनता है मानो प्रजा ,यह इनके भगवान
(2)
नेता अरबोंपति हुए, खून चूस धनवान
फिर भी खुद को कह रहे ,यह बेशर्म महान
(3)
भूतपूर्व नेता अड़े ,चाहे जाए जान
छोड़ें कैसे बंगले, महंगे आलीशान
(4)
प्रिवीपर्स वाले गए ,गया राजसी मान
नेताओं से अब हुआ, भारत लहूलुहान
(5)
जनसेवा शब्दावली ,सिर्फ किताबी-ज्ञान
नेताओं की चल रही, कैंची भरी जुबान
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रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997 615451