नेता न दिजे
कोख का जना गुड से मीठा न हो,
नमकीन से तीखा न हो ,
भले मुझे बेटा न कीजे पर नेता न दीजे।
जिसकी हो उची शान ,
जिस पर हो सब को अभिमान,
एक तराजू मे जो सबको तोले,
मेरे भारत का जो नारा बोले,
कोख का जना एसा दीजे,पर नेता न दीजे।
दुश्मन भी काँपै सुनकर जिसका नाम ,
सरहद का रखवाला बने वो महान।
जाती धर्म को जो लोभ मे न तोले,
अहिंसा का भाव जो बोले,
खुद कि कुर्सी के लिए भगवान को न छोडे
राम रहीम का जो नाम न तोडे।
दीजे एसा गुणवान ,जिसका हो गुणगान,
भारत माता एक माँ से करे पूकार,
कोख से जना माई कोई ऐसा दीजे
पर नेता न दीजे।
सोनु सुगंध २१/१२/२०१८