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23 May 2023 · 1 min read

नेता नहीं नराधम

वे नेता नहीं, नराधम हैं, जो फैलाते हैं वाग्जाल
हे आम आदमी! हुंकारो, बन नेताओं के अरि कराल

जो कहते कुछ, करते हैं कुछ, जनता को मूर्ख बनाते हैं
सबका अमूल्य मत लेकर जो गुलछर्रे स्वयं उड़ाते हैं
अपने हित में कानून बदल जो बजा रहे हैं नित्य गाल
वे नेता नहीं, नराधम हैं, जो फैलाते हैं वाग्जाल

जो रोज दुहाई न्यायालय की देते, न्याय न करते हैं
जो आधा कदम बढ़ा आगे, दो पग पीछे को धरते हैं
जो जनता को भरमाते हैं, बेमतलब के मुद्दे उछाल
वे नेता नहीं, नराधम हैं, जो फैलाते हैं वाग्जाल

गद्दारों से सौदेबाजी, जो अपने हित में करते हैं
जो लाचारों मजलूमों का, हक धौंस जमकर हरते हैं
निर्दोष नागरिक आए दिन, जिनके कारण होते हलाल
वे नेता नहीं, नराधम हैं, जो फैलाते हैं वाग्जाल

पैरवी अनय की करते जो, फतवों पर मुहर लगाते हैं
भारत मां को अपमानित कर, जो मंत्री पद पा जाते हैं
‘वंदे मातरम्’ न कहते जो, जो चलते हैं गिरगिटी चाल
वे नेता नहीं, नराधम हैं, जो फैलाते हैं वाग्जाल

महेश चन्द्र त्रिपाठी

Language: Hindi
Tag: गीत
160 Views
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