नेता-एक किसान
नेता-एक किसान
मैं नेता हूँ
मैं सबसे बड़ा किसान
पाखण्ड की रेती
वोटों की खेती
धर्म की धरा
वैमनस्य का उर्वरा
नफरत का बीज
लाशों से सींच
फसल लहलहाती
नोटों की थाती
फरेब का पिसान
चील कौओं का ध्यान
मैं सबसे बड़ा किसान।
-©नवल किशोर सिंह