Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jan 2017 · 1 min read

नेताजी सुभाषचंद्र बोस जयंती

जिसकी जन्म स्थली थी कटक, सुभाषचंद्र था नाम ।
ऐसे वीर सपूत को करता शत शत प्रणाम ।।
स्थापना की बोस ने आजाद हिन्द फौज की ।
रोक दी गाड़ी उन्होंने फिरंगियों के मौज की ।।
तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूँगा, बोस ने ये नारा दिया ।
जय हिन्द का उन्होंने नारा, प्यारा दिया ।।
उन्होंने फाॅरवर्ड ब्लाॅक की, की थी स्थापना ।
उनके सामने शत्रु को , आता था केवल रास्ता नापना ।।
आज उन्हीं की जयंती के दिन भारत के युवा जागो ।
कुरूतियों और रूढ़ियों पे बारूद का गोला दागो ।।
तुम मिटा दो समाज की बुराई को ।
न पनपने दो शत्रु की चतुराई को ।।
जो वतन में रहकर, गद्दारी करें वतन से ।
कर दो नष्ट उन्हें, मुक्त कर दो उन्हें, उनके जीवन से ।।
बह जाए चाहे लहू तुम्हारा , तिरंगा लहराते रहना चाहिए ।
बह जाए चाहे रक्त की नदियाँ , तिरंगा लहराते रहना चाहिए ।।

– नवीन कुमार जैन

Language: Hindi
528 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पहला खत
पहला खत
Mamta Rani
// माँ की ममता //
// माँ की ममता //
Shivkumar barman
*सत्य ,प्रेम, करुणा,के प्रतीक अग्निपथ योद्धा,
*सत्य ,प्रेम, करुणा,के प्रतीक अग्निपथ योद्धा,
Shashi kala vyas
"Know Your Worth"
पूर्वार्थ
"आत्मावलोकन"
Dr. Kishan tandon kranti
एक कथित रंग के चादर में लिपटे लोकतंत्र से जीवंत समाज की कल्प
एक कथित रंग के चादर में लिपटे लोकतंत्र से जीवंत समाज की कल्प
Anil Kumar
#कड़े_क़दम
#कड़े_क़दम
*प्रणय*
विचार
विचार
Godambari Negi
I became extremely pleased to go through your marvellous ach
I became extremely pleased to go through your marvellous ach
manorath maharaj
"बुलंद इरादों से लिखी जाती है दास्ताँ ,
Neeraj kumar Soni
मोहब्बत के लिए गुलकारियां दोनों तरफ से है। झगड़ने को मगर तैयारियां दोनों तरफ से। ❤️ नुमाइश के लिए अब गुफ्तगू होती है मिलने पर। मगर अंदर से तो बेजारियां दोनो तरफ से हैं। ❤️
मोहब्बत के लिए गुलकारियां दोनों तरफ से है। झगड़ने को मगर तैयारियां दोनों तरफ से। ❤️ नुमाइश के लिए अब गुफ्तगू होती है मिलने पर। मगर अंदर से तो बेजारियां दोनो तरफ से हैं। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
जो वक्त से आगे चलते हैं, अक्सर लोग उनके पीछे चलते हैं।।
जो वक्त से आगे चलते हैं, अक्सर लोग उनके पीछे चलते हैं।।
Lokesh Sharma
निष्काम,निर्भाव,निष्क्रिय मौन का जो सिरजन है,
निष्काम,निर्भाव,निष्क्रिय मौन का जो सिरजन है,
ओसमणी साहू 'ओश'
हम तो बस कहते रहे, अपने दिल की बात।
हम तो बस कहते रहे, अपने दिल की बात।
Suryakant Dwivedi
3857.💐 *पूर्णिका* 💐
3857.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
श्रृष्टि का आधार!
श्रृष्टि का आधार!
कविता झा ‘गीत’
कर्म कभी माफ नहीं करता
कर्म कभी माफ नहीं करता
नूरफातिमा खातून नूरी
मुक्तक
मुक्तक
पंकज कुमार कर्ण
'प्रहरी' बढ़ता  दंभ  है, जितना  बढ़ता  नोट
'प्रहरी' बढ़ता दंभ है, जितना बढ़ता नोट
Anil Mishra Prahari
प्रथम किरण नव वर्ष की।
प्रथम किरण नव वर्ष की।
Vedha Singh
कविता
कविता
Pushpraj devhare
चलो कल चाय पर मुलाक़ात कर लेंगे,
चलो कल चाय पर मुलाक़ात कर लेंगे,
गुप्तरत्न
छोड़ जाऊंगी
छोड़ जाऊंगी
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
मृत्यु शैय्या
मृत्यु शैय्या
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
क्या गुजरती होगी उस दिल पर
क्या गुजरती होगी उस दिल पर
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
लोकसभा बसंती चोला,
लोकसभा बसंती चोला,
SPK Sachin Lodhi
जीवित रहने से भी बड़ा कार्य है मरने के बाद भी अपने कर्मो से
जीवित रहने से भी बड़ा कार्य है मरने के बाद भी अपने कर्मो से
Rj Anand Prajapati
तू अपने दिल का  गुबार  कहता है।
तू अपने दिल का गुबार कहता है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ପିଲାଦିନ ସଞ୍ଜ ସକାଳ
ପିଲାଦିନ ସଞ୍ଜ ସକାଳ
Bidyadhar Mantry
Loading...