नेतागण तो तेने कहिए
नेतागण तो तेने रे कहिए, जे पीर पराई ना जाने रे
लख लख वादे करे सुहाने, पूरा कर ना जाने रे
जन गण का मन जीत सके, जो मीठी बोले बानी रे
परोपकार ना करें किसी का ,माल कमाना जाने रे
नेतागण तो तेने रे कहिए, जो पीर पराई ना जाने रे
बार-बार दल बदल सके, जो नया बनाना जाने रे
बंदर जैसा उछले कूदे, कुर्सी प्रेम दीवाना रे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी