नूतन वर्ष
ख़त्म किया है
कई बार मैंने
फाड़ कर
घर की दीवार पर टंगे
पंचांग का
एक-एक पृष्ठ
आज पुनः
फाड़ रहा हूँ
घर की दीवार पर टंगे
पंचांग का
अंतिम पृष्ठ
क्यों कि-
कल से करना है पुनः
अनवरत
नित्य नए पृष्ठों के
फाड़ने का
क्रम शुरू……….
*****
सरफ़राज़ अहमद “आसी”