नूतन वर्ष की नई सुबह
नूतन वर्ष की नई सुबह….
नूतन वर्ष की नई सुबह हो
उगता हुआ सूरज नया सा
सर्व दिशाएँ आलोकित हो
होकर विदा तिमिर हर पथ से
नव प्रभात का आगमन हो ।
निराशा , आलस्य को दूर करें
नवीन ,हर्ष ,उर्जा का जन्म हों
अनसुलझी जो कुछ पहेलियाँ
उसका सरल कोई हल हो
दमकता नया सा सूरज भी
सबके लिये सुनहरा पल हो
बीता वो कल हुआ पुराना
आज बने बेहतर , सुहाना
सज धज उठे हर घर द्वारे
रोशनी से भरा आँगन हो
कोई हरसत न हो अधूरी
उल्लास से पूरित ये मन हो ।।
✍️”कविता चौहान”
“स्वरचित एवं मौलिक