नूतन नवल नया नव वर्ष आया
**नूतन नवल नया नव वर्ष आया**
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नूतन नवल नया नव वर्ष आया है
पुलकित हर्षित हो सब ने मनाया है
विगत वर्ष खोया तो नया पाया है
खुशियों भरा हसीन लम्हा आया है
जो बीत गई बातें दुबारा न आएंगी
नए तरानों की नई सौगात लाया है
कोरोना का भय दिलोदिमाग छाया
नवां नवेला साल नई आस लाया है
गुजरे जमाने का क्या गम है करना
नव तरंगों ने स्नेह जाल बिछाया है
गत पैमानों से जो चेहरे थे मुरझाए
दिलों में अंबार हर्षोल्लास आया है
जो भी हमने जीवन में खोया पाया
बीते वर्ष ने हमें जीना सिखाया है
न कोई गिला न कोई शिकायत है
सबनें अपना तो फ़र्ज निभाया है
मनसीरत मनोभाव मन के तीर्थ हैं
बंधुत्व में जीने का पैगाम लाया है
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)