नीर ही जब अपनी नमी से डरता हो,
नीर जब अपनी नमी से डरता हो,
प्यार जब अपने कमी से डरता हो,
ऐसे में ज़िन्दगी वहाँ मुस्कराए कैसे,
जब आदमी ही, आदमी से डरता हो.
नीर जब अपनी नमी से डरता हो,
प्यार जब अपने कमी से डरता हो,
ऐसे में ज़िन्दगी वहाँ मुस्कराए कैसे,
जब आदमी ही, आदमी से डरता हो.