नीर का त्याग कर
कुदरती कुदरत की घटा,छटा,
हमें पता नहीं, निसर्ग है छुपा.
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झूम लेगी चूम लगे साथ देगी,
मालूम नहीं निसर्ग खाक देगी.
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विवेक जगा और समझ जता.
भूख प्यास और मल मूत्र बता.
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होता है घटित, करते हो जुदा.
हो सकता है,नहीं हो तुझे पता.
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सहज रहे,सरल बने, लेनदेन हो.
छोड़ उतावलेपन, विश्लेषण हो.
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क्षमता का आकलन कर करके.
समानुपात में तोल कर विश्राम.
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कर भले गुणगान कितने आखिर,
क्षीर से नीर, क्षीर का गृहण,नीर का त्याग कर.
नीर का त्याग कर.