नीत के दोहे,
चार शत्रु ये प्रबल हैं, काम,क्रोध,मद,लोभ,
जो इनसे बच कर रहा, नहीं सताता क्षोभ.
मीठी वाणी ही रही, जीवन में अनमोल,
जीत सकेंगे सभी को,सरल,सहज,मृदु बोल.
चार शत्रु ये प्रबल हैं, काम,क्रोध,मद,लोभ,
जो इनसे बच कर रहा, नहीं सताता क्षोभ.
मीठी वाणी ही रही, जीवन में अनमोल,
जीत सकेंगे सभी को,सरल,सहज,मृदु बोल.