नींद
नींद
जब भी नींद
ले लेती है
अपने आगोश में
मन की चाल
पड़ जाती है धीमी
पलकों के कपाट
होने लगते हैं बंद
दिल और दिमाग
चला जाता है
विश्राम मुद्रा में
-विनोद सिल्ला
नींद
जब भी नींद
ले लेती है
अपने आगोश में
मन की चाल
पड़ जाती है धीमी
पलकों के कपाट
होने लगते हैं बंद
दिल और दिमाग
चला जाता है
विश्राम मुद्रा में
-विनोद सिल्ला