*नींद*
नींद
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नींद हमें , बहुत ही प्यारी;
नींद में दिखे,दुनिया सारी।
कुछ पढ़ते ही, नींद आती;
कुछ करते ही, नींद आती।
कोई, चाय पी नींद भगाते;
कोई,नींद हेतु गोली खाते।
नींद में दिखे , ऐसा सपना;
पराया भी,दिखता अपना।
नींद होती , ‘रात की रानी’
नींद से करो मत, बेईमानी।
जब मां हमें, लोरी सुनाती;
तुरंत हमें , नींद आ जाती।
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….✍️प्रांजल
……कटिहार।