Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Oct 2023 · 1 min read

*नींद आँखों में ख़ास आती नहीं*

नींद आँखों में ख़ास आती नहीं
**************************

रात चोरी – चोरी बिताने लगे,
बात हम से दिल की छिपाने लगे।

अब यकीन उन पर टूटने है लगा,
हर कहानी झूठी बनाने लगे।

रात दिन खोये हम रियायत नहीं,
ख्वाब उनके हम को सताने लगे।

पीर पर्वत सी होती सहन नहीं,
घाव पीड़ा से तन जलाने लगे।

नींद आँखों मे ख़ास आती नहीं,
याद प्यारी दास्तां दिलाने लगे।

यार मनसीरत हाल ए दिल बुरा,
तीर हिय पर सीधे निशाने लगे।
*************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेडी राओ वाली (कैथल)

432 Views

You may also like these posts

पुराने दोस्त वापस लौट आते
पुराने दोस्त वापस लौट आते
Shakuntla Shaku
सावित्रीबाई फुले विचार
सावित्रीबाई फुले विचार
Raju Gajbhiye
सत्य क्या है ?
सत्य क्या है ?
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
कविता - छत्रछाया
कविता - छत्रछाया
Vibha Jain
" वाकया "
Dr. Kishan tandon kranti
खुद को तलाशना और तराशना
खुद को तलाशना और तराशना
Manoj Mahato
नज़रिये की बाते
नज़रिये की बाते
उमेश बैरवा
"रिश्तों में खटास पड रही है ll
पूर्वार्थ
कहती रातें...।
कहती रातें...।
*प्रणय*
गीतिका :- हमें सताने वाले
गीतिका :- हमें सताने वाले
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
उड़ान
उड़ान
Saraswati Bajpai
মহাদেবের কবিতা
মহাদেবের কবিতা
Arghyadeep Chakraborty
एक तेरा दिल
एक तेरा दिल
Lekh Raj Chauhan
विश्राम   ...
विश्राम ...
sushil sarna
श्याम
श्याम
Rambali Mishra
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ये गजल बेदर्द,
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ये गजल बेदर्द,
Sahil Ahmad
4529.*पूर्णिका*
4529.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ज़िंदगी हम भी
ज़िंदगी हम भी
Dr fauzia Naseem shad
माँ
माँ
Harminder Kaur
यथार्थ
यथार्थ
Shyam Sundar Subramanian
झूठ भी कितना अजीब है,
झूठ भी कितना अजीब है,
नेताम आर सी
बेरोजगार युवाओं का दर्द।
बेरोजगार युवाओं का दर्द।
Abhishek Soni
*भारत का वंदन करें आज, हम गीत तिरंगे का गाऍं (राधेश्यामी छंद
*भारत का वंदन करें आज, हम गीत तिरंगे का गाऍं (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
निर्मल भक्ति
निर्मल भक्ति
Dr. Upasana Pandey
उपवास
उपवास
Kanchan verma
“मैं ठहरा हिन्दी माध्यम सा सरल ,
“मैं ठहरा हिन्दी माध्यम सा सरल ,
Neeraj kumar Soni
तुम्हारे ही ख्यालों में हम भीगते हैं ।
तुम्हारे ही ख्यालों में हम भीगते हैं ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
गौरी सुत नंदन
गौरी सुत नंदन
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
बुढ़ापा भी गजब हैं
बुढ़ापा भी गजब हैं
Umender kumar
Loading...