नि:स्तब्धता
जब से तुम गए हो
तुम्हारे साथ ही
हँसी और शोर चले गए
अब केवल और केवल
चुप्पी /शांति है
खोखली और नीरव
न कोई आवाज है
न कोई जज्बा है
बस किसी आनेवाले शोर
की अभिलाषा है।
– मीरा ठाकुर
आबू धाबी
जब से तुम गए हो
तुम्हारे साथ ही
हँसी और शोर चले गए
अब केवल और केवल
चुप्पी /शांति है
खोखली और नीरव
न कोई आवाज है
न कोई जज्बा है
बस किसी आनेवाले शोर
की अभिलाषा है।
– मीरा ठाकुर
आबू धाबी