निश्छल व्यक्तित्व का रूप “रवि”
रवि प्रकाश का एक सुंदर रुप,
मेरे सपनो का प्रत्यक्ष स्वरूप।
संग हे तेरा वंदनीय,
प्रेम हे तेरा अकथनीय।
मेरे जीवन में ईश्वर की कृति,
मुझे सुशोभित करती तेरी प्रकृति।
तेरा संग हे जीवन का सकारात्मक स्वरुप,
अंधकार को चीरता तेरा कांतिमय रूप।
मेरी खुशियो का आधार,
तूने किया जीवन को साकार।
तेरी प्रीत हे मेरी जीत,
तेरी यादें अब मेरी मीत।
जीवन का तेरे संग आकलन,
मुझे दिलाता है खुशियो का संकलन।
भगवान का दिया वरदान,
रवि संग जुड़ा रीना का नाम।
तेरे संग जीवन की आस विश्वास,
कराता नवीन उत्साह का आभास।
जीवन में ऊर्जा का अद्भूत संचार,
अनवरत बरसता रहे तेरा प्यार।
ऊर्जा के स्त्रोत आदित्य के समरूप,
रवि मालपानी निश्छल व्यक्तित्व का स्वरुप।