निशा
रोज आती हैं निशा,
लेकर नया नशा,
रोज जाती हैं निशा,
देकर नई दिशा,
सारे गमो को अपने में छुपा देती,
सपनो में खुशियों से सजा देती,
राजा को रंक बना देती,
सब कुछ पल में बदलती,
रवि आता तुम्हे जगाता,
तुम आती तो वो जाता,
आना जाना यही कर्म हैं,
सबका अपना अपना धर्म हैं,
।।।जेपीएल।।।