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Naseeb Jinagal Koslia नसीब जीनागल कोसलिया
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2 Apr 2020 · 1 min read
निशान
निशां छोड़ो तो कुछ इस कदर,
जैसे स्याही भरे कागज़ पर पानी की बूँदे
अज्ञात
Language:
Hindi
Tag:
ग़ज़ल/गीतिका
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