निशानियां रख जा
जाते जाते निशानियां रख जा
अपनी यादों की गर्मियां रख जा
कितना तड़पा हूं मैं जो तेरे लिए
मिलने की कुछ तो नर्मियाँ रख जा
इक न इक दिन तो रहम आएगा
दर पे उसके तू अर्जियां रख जा
प्यार से अपना वो बन ही जायेगा
बस किनारे पर तल्खियां रख जा
फिर से सावन तो आ ही जाएगा
बागों में कुछ तो तितलियां रख जा
सरहदों पर जो जाओ तो पहले
कोख में कुछ निशानियां रख जा
आरती लोहनी
#510,वार्ड नं1
कुराली,मोहाली
पंजाब140103