निर्भय दिल को चैन आ जाने दो।
निर्भय दिल को चैन आ जाने दो।
दर्द सारे मिट जाने दो ।।
विश्वास के पौधे को जी भर कर पानी दे दो।
अंतर्मन को सुकून आ जाएगा दर्द को जगह न दो।।
स्वरचित मौलिक अप्रकाशित
कृष्णा वाघमारे, जालना, महाराष्ट्र.
निर्भय दिल को चैन आ जाने दो।
दर्द सारे मिट जाने दो ।।
विश्वास के पौधे को जी भर कर पानी दे दो।
अंतर्मन को सुकून आ जाएगा दर्द को जगह न दो।।
स्वरचित मौलिक अप्रकाशित
कृष्णा वाघमारे, जालना, महाराष्ट्र.