निर्धन बिलखे भूख से, कौर न आए हाथ।
निर्धन बिलखे भूख से, कौर न आए हाथ।
पंडित मोटी तोंद पर, फेरे सुख से हाथ।।
निर्धन का उपहास कर, कहें भूख को ढोंग।
पत्थर के भगवान को, परसें छप्पन भोग।।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद
निर्धन बिलखे भूख से, कौर न आए हाथ।
पंडित मोटी तोंद पर, फेरे सुख से हाथ।।
निर्धन का उपहास कर, कहें भूख को ढोंग।
पत्थर के भगवान को, परसें छप्पन भोग।।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद