निर्दोष आत्माएं
चाहे जला लो हजार मोमबत्तियां,
या लिख लो दर्द भरी कविताएं।
विधाता तभी सुनेगा जब तक,
आर्त स्वर में उसे नहीं पुकारेगी
निर्दोष ,,मासूम घायल आत्माएं ।
चाहे जला लो हजार मोमबत्तियां,
या लिख लो दर्द भरी कविताएं।
विधाता तभी सुनेगा जब तक,
आर्त स्वर में उसे नहीं पुकारेगी
निर्दोष ,,मासूम घायल आत्माएं ।