Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2024 · 1 min read

निर्णय

चार अक्टूबर मेरा जन्मदिवस
हर साल आता
नये उमंग, नयी उम्मीद
नया उत्साह साथ लेकर
देते बधाईयाँ सभी स्वजन
स्वयं मिल या अपने संदेषो से।
लेकिन खड़ा पाता जब स्वयं को मैं
सामने मोमबत्तियों के
उमड़कर आते कुछ प्रंश्न सामने
(प्रश्न) पूछते तू अपनी जिदंगी से
इतने साल बीतने का शोक मना रहा
या कर रहा स्वागत आज
भविश्य के दिनों का।
बुझा रहा क्यों…….. इन प्रकाश स्तम्भों को
जो जलाकर स्वयं को
करते हैं प्रकाशित हमारा जीवन
और बुझाकर इन्हे स्वयं ही
कर रहा अंधकारमय अपने दिनों को
सुन आवाज अंतर्रात्मा की
पड़ा ‘‘अऩस’’ असमंजस में करे क्या…..
मनाये षोक सुनहरे पलों को बीत जाने का
या बनाये सुनहरा, आने वाले कल को।
अकस्मात् आया विचार
सोच रहा क्यूॅ व्यर्थ में इतना
उस कल के बारे में
एक जो बीत गया है
और
एक जो आने वाला हैं
बना ‘‘अऩस’’ अपना भविष्य सुदृढ़
अतीत की इस मजबूत नीव पर।

Language: Hindi
78 Views
Books from NAVNEET SINGH
View all

You may also like these posts

"सबको जोड़ती हमारी संस्कृति एक"
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
..
..
*प्रणय*
सोलह आने सच...
सोलह आने सच...
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
"दोस्त और मुश्किल वक़्त"
Lohit Tamta
पुष्प और तितलियाँ
पुष्प और तितलियाँ
Ritu Asooja
वायदे के बाद भी
वायदे के बाद भी
Atul "Krishn"
ऋतु राज
ऋतु राज
लक्ष्मी सिंह
🌹मेरी इश्क सल्तनत 🌹
🌹मेरी इश्क सल्तनत 🌹
साहित्य गौरव
ए अजनबी तूने मुझे क्या से क्या बना दिया
ए अजनबी तूने मुझे क्या से क्या बना दिया
Jyoti Roshni
फिर फिर गलत होने का
फिर फिर गलत होने का
Chitra Bisht
ढोंगी बाबा से सदा,
ढोंगी बाबा से सदा,
sushil sarna
दस्तक देते हैं तेरे चेहरे पर रंग कई,
दस्तक देते हैं तेरे चेहरे पर रंग कई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नए साल तुम ऐसे आओ!
नए साल तुम ऐसे आओ!
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
सरस कुंडलियाँ
सरस कुंडलियाँ
Ravi Prakash
हौसलों की उड़ान जो भरते हैं,
हौसलों की उड़ान जो भरते हैं,
Ajit Kumar "Karn"
कमली हुई तेरे प्यार की
कमली हुई तेरे प्यार की
Swami Ganganiya
तुम्हें चाहना
तुम्हें चाहना
Akash Agam
हो....ली
हो....ली
Preeti Sharma Aseem
🗣️चार लोग क्या कहेंगे
🗣️चार लोग क्या कहेंगे
Aisha mohan
बाबू
बाबू
Ajay Mishra
जब कोई हाथ और साथ दोनों छोड़ देता है
जब कोई हाथ और साथ दोनों छोड़ देता है
Ranjeet kumar patre
दोहे
दोहे
Rambali Mishra
गणेश आये
गणेश आये
Kavita Chouhan
प्रेरणा गीत
प्रेरणा गीत
संतोष बरमैया जय
3662.💐 *पूर्णिका* 💐
3662.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
वसन्त का स्वागत है vasant kaa swagat hai
वसन्त का स्वागत है vasant kaa swagat hai
Mohan Pandey
हर क्षण का
हर क्षण का
Dr fauzia Naseem shad
"काम करने का इरादा नेक हो तो भाषा शैली भले ही आकर्षक न हो को
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
"नजरों का तीर"
Dr. Kishan tandon kranti
"एक ही जीवन में
पूर्वार्थ
Loading...