Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2023 · 1 min read

“निर्जीव हम बनल छी”

डॉ लक्ष्मण झा परिमल
================
बहुतक नाम, नंबर
हमर मोबाईल मे सेव अछि
फेसबूक क रंगमंच पर
अनेको लोक जुड़ल छथि !
व्हाट्सप्प मे संख्या
अनगिनत भ गेल अछि
मैसेंजर आ वीडियो क
व्यवस्था सेहो भ गेल अछि !
खास गिनल – गुथल
लोक सँ मात्र गप्प करताह
आर लोक सब केँ
तिरस्कार वो सब करताह !
पहिने सब लोक सँ
गप्प- सप्प मधुर होइत छल
राति भर लाइन मे
इंतजार लोक करैत छल !
माँ सँ गप्प भेल
बाबा सँ भरि इच्छा गप्प केलहूँ
गामक संगी -साथी
केँ बजा -बजा कुशल क्षेम पुछि लेलहूँ !
लोचना खबास के
फोने पर घरक काज कहि बुझा देलिए
माल ,जाल, बाध, गाछी
पर ध्यान देबक लेल कहि देलिए !
“दाई क आब ठेहुन क
दवाई तेल मुंगेरिया सँ ल लिह’
हम जखन आयब
त पाई हुनका तू द दिह’!”
मुदा आइ मोबाईल मे
अनेक सिम कार्ड भरल अछि
जीओ ,एयरटेल ,बोंडा
फोनक जाल सब पसरल अछि !
किनको नहि किनको सँ
आइ नहि कोनो मतलब अछि
अपना मे सीमित रहि
आन केँ नहि चिन्हइत अछि !
ककरा कॉल करब
पहिने ओ नहि ये उठौताह
यदि वो उठा लैत
त नीक जकाँ गप्प नहि करताह !
आब स्वयं निर्णय
आहाँ क लिय हम केहन छी
तुंग पर त चढ़ि गेलहूँ
परंच निर्जीव हम बनल छी !!
=====================
डॉ लक्ष्मण झा परिमल
साउन्ड हेल्थ क्लिनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
भारत
16.02.2023

Language: Maithili
155 Views

You may also like these posts

अपनों से वक्त
अपनों से वक्त
Dr.sima
"गौरतलब"
Dr. Kishan tandon kranti
अपमान
अपमान
seema sharma
राज जिन बातों में था उनका राज ही रहने दिया
राज जिन बातों में था उनका राज ही रहने दिया
डॉ. दीपक बवेजा
बिटिया
बिटिया
Dr. Bharati Varma Bourai
रुसल कनिया
रुसल कनिया
Bindesh kumar jha
*ज़िंदगी का सफर*
*ज़िंदगी का सफर*
sudhir kumar
औरत को बनाया तूने बहुत सोच-समझकर,
औरत को बनाया तूने बहुत सोच-समझकर,
Ajit Kumar "Karn"
यथार्थ का सीना
यथार्थ का सीना
Dr MusafiR BaithA
क्या खूब वो दिन और रातें थी,
क्या खूब वो दिन और रातें थी,
Jyoti Roshni
"सुख पहेली है, दुख पहेली है ll
पूर्वार्थ
प्रेम एक ऐसा मार्मिक स्पर्श है,
प्रेम एक ऐसा मार्मिक स्पर्श है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
#हिंदी-
#हिंदी-
*प्रणय*
3350.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3350.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
अम्बे तू गौरी
अम्बे तू गौरी
रुपेश कुमार
बाल कविता :गर्दभ जी
बाल कविता :गर्दभ जी
Ravi Prakash
बेहद मामूली सा
बेहद मामूली सा
हिमांशु Kulshrestha
मातृशक्ति
मातृशक्ति
Sanjay ' शून्य'
कराहती धरती (पृथ्वी दिवस पर)
कराहती धरती (पृथ्वी दिवस पर)
डॉ. शिव लहरी
वक्त के पहरुए
वक्त के पहरुए
सोनू हंस
यदि कोई केवल जरूरत पड़ने पर
यदि कोई केवल जरूरत पड़ने पर
नेताम आर सी
"बातों से पहचान"
Yogendra Chaturwedi
उम्र के पन्नों पर....
उम्र के पन्नों पर....
sushil sarna
हर विषम से विषम परिस्थिति में भी शांत रहना सबसे अच्छा हथियार
हर विषम से विषम परिस्थिति में भी शांत रहना सबसे अच्छा हथियार
Ankita Patel
Bundeli Doha pratiyogita 142
Bundeli Doha pratiyogita 142
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
- तेरे बाद में कुछ भी नही हु -
- तेरे बाद में कुछ भी नही हु -
bharat gehlot
दोहावली
दोहावली
आर.एस. 'प्रीतम'
परिवर्तन चाहिए तो प्रतिवर्ष शास्त्रार्थ कराया जाए
परिवर्तन चाहिए तो प्रतिवर्ष शास्त्रार्थ कराया जाए
Sonam Puneet Dubey
।। धन तेरस ।।
।। धन तेरस ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
जिस पर करते हैं टूट जाता है।
जिस पर करते हैं टूट जाता है।
Dr fauzia Naseem shad
Loading...