Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Mar 2021 · 1 min read

निराली है तेरी छवि हे कन्हाई

निराली है तेरी छवि हे कन्हाई

निराली है तेरी छवि हे कन्हाई
वंशी की धुन हमें दे सुनाई

हे नंदनंदन हे मुरलीधर
हम तुम पर जाएँ बलिहारी

केवट बन हमें पार उतारो
चरणों की प्रभु धूलि बना लो

हम बालक नादान हैं मोहन
संकट के प्रभु बादल हर लो

तेरे चरणों से प्रीती हमको
गिरधर पावन कर दो हमको

निर्धन को प्रभु धन का वर दो
हे मोहन भक्ति का रस दो

ज़र्ज़र होती काया मेरी
सुधि ले लो मनमोहन मेरी

मुश्किल की है घड़ी है आई
तन में प्राण नहीं रे कन्हाई

दुर्बलता से मुक्ति दे दो
मन को मेरे पावन कर दो

अपने दरश दिखा दो मुझको
हे बरसाने के कृष्णा मुरारी

जब प्राण तन से निकलें
तुम पास हो मुरारी

मोहित हो गया हूँ मैं
तेरी मनमोहक छवि पर

सुद्बुध मेरी बिसरी
तुझे अपने करीब पाकर

मुझे मिल गया किनारा
मोक्ष की घड़ी है आई

निराली है तेरी छवि हे कन्हाई

वंशी की धुन हमें दे सुनाई

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 422 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all
You may also like:
कामनाओं का चक्र व्यूह
कामनाओं का चक्र व्यूह
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
पुरखों के गांव
पुरखों के गांव
Mohan Pandey
जय श्री राम
जय श्री राम
Indu Singh
The Day I Wore My Mother's Saree!
The Day I Wore My Mother's Saree!
R. H. SRIDEVI
हिंदीग़ज़ल की गटर-गंगा *रमेशराज
हिंदीग़ज़ल की गटर-गंगा *रमेशराज
कवि रमेशराज
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
इश्क करना
इश्क करना
Ranjeet kumar patre
नव दीप जला लो
नव दीप जला लो
Mukesh Kumar Sonkar
इतने दिनों के बाद
इतने दिनों के बाद
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
जियो सिम का जब फ्री ट्रायल हो रहा था उसकी कीमतें उस समय नहीं
जियो सिम का जब फ्री ट्रायल हो रहा था उसकी कीमतें उस समय नहीं
Sonam Puneet Dubey
कुछ लोगों का प्यार जिस्म की जरुरत से कहीं ऊपर होता है...!!
कुछ लोगों का प्यार जिस्म की जरुरत से कहीं ऊपर होता है...!!
Ravi Betulwala
4435.*पूर्णिका*
4435.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आसमान का टुकड़ा भी
आसमान का टुकड़ा भी
Chitra Bisht
कहते हैं मृत्यु ही एक तय सत्य है,
कहते हैं मृत्यु ही एक तय सत्य है,
पूर्वार्थ
🥀 *✍अज्ञानी की*🥀
🥀 *✍अज्ञानी की*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
नादान परिंदा
नादान परिंदा
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
लक्ष्य
लक्ष्य
Mukta Rashmi
रातें भी कटी हैं करवट बदलते हुए,
रातें भी कटी हैं करवट बदलते हुए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"पेरियार ललई सिंह यादव"
Dr. Kishan tandon kranti
खुशियों के पल पल में रंग भर जाए,
खुशियों के पल पल में रंग भर जाए,
Kanchan Alok Malu
*सहकारी युग हिंदी साप्ताहिक के प्रारंभिक पंद्रह वर्ष*
*सहकारी युग हिंदी साप्ताहिक के प्रारंभिक पंद्रह वर्ष*
Ravi Prakash
..
..
*प्रणय प्रभात*
The life of an ambivert is the toughest. You know why? I'll
The life of an ambivert is the toughest. You know why? I'll
Chaahat
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढते हैं ।
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढते हैं ।
Phool gufran
Science teacher's Umbrella
Science teacher's Umbrella
Mr. Bindesh Jha
जिंदगी एक सफर सुहाना है
जिंदगी एक सफर सुहाना है
Suryakant Dwivedi
जन्मदिन मुबारक तुम्हें लाड़ली
जन्मदिन मुबारक तुम्हें लाड़ली
gurudeenverma198
गर्त में था तो सांत्वना थी सहानुभूति थी अपनो की
गर्त में था तो सांत्वना थी सहानुभूति थी अपनो की
VINOD CHAUHAN
वृद्धाश्रम का अब मिला,
वृद्धाश्रम का अब मिला,
sushil sarna
Loading...