निरंकारी महिला गीत
निरंकारी महिला गीत
सत्संग जाईयो री मेरी माँ, सत्संग जाईयो री।
अरी थारे कट जां कष्ट कलेश, मेरी माँ सत्संग जाईयो री।
संग भाभी को ले जाईयो, बापू भैया भी जाईयो।
संग अवनि अखिल महेश, में री माँ सत्संग जाईयो री।१।।
सबै नमस्कार करवाईयो, वहाँ सेवा खूब कमाईयो।
मिट जां झगड़े टंटे द्वेष, मेरी माँ सत्संग जाईयो री।। २।।
गुरु चरणामृत को लाईयो, घर सारे मे छिड़काईयो।
भाग जां भूत बला दुर्गेश, मे री माँ सत्संग जाईयो री।। ३।।
मत मंगू की मान जाईयो, घर में सन्त चरण पड़वाईयो।
मानियो सत्गुरु का संदेश, मेरी माँ सत्संग जाईयो री।। ४।।