नियम पुराना
हर मानव अथक प्रयासों से, कर लेता हासिल मनचाहा आयाम।
अपनी ख्वाहिशों को देने लगता है, गगन जैसे असीमित मुकाम।
महफ़िलों की शान बन जाता, जहाॅं रोज़ छलकते जीत के जाम।
वो अकेला पड़ता सब पे भारी, विफल होते जाएं षड्यंत्र तमाम।
सफलता की खुशी रहे एक-सी, पर बदलते रहते हैं इसके नाम।
जीत, सफलता व प्रगति से ही, लगे लोगों की बातों पर लगाम।
यदि आप दृढ़-निश्चय कर लें तो, मार्ग में बाधक न बनें अंजाम।
ये दुनिया भले तंज कस रही, यही कल करेगी प्रशंसा सरेआम।
विजेता के जीवन की हर सुबह गुलज़ार, चैन से गुज़रे हर शाम।
सफलता की खुशी रहे एक-सी, पर बदलते रहते हैं इसके नाम।
अपने मन के दृढ़ संकल्प से, ऊॅंचे-दुर्गम शिखर पे चढ़ते जाना।
कभी गहराइयों को चीरते हुए, समुद्र की तली तक उतर जाना।
हर प्रतियोगिता व अवसर पर, विजेता के पदक जीत ले आना।
हार पर बरसाए गए पत्थरों से, जीत की मज़बूत दीवार बनाना।
हार से पहले हो अंतिम प्रहार, ये है सफलता का नियम पुराना।
साहित्यिक व सांस्कृतिक गतिविधि में, अच्छा प्रदर्शन दे पाना।
अपने अर्जित ज्ञान की मदद से, हर परीक्षा में सफल हो जाना।
हौंसलों की मशाल थामकर, असंभव कार्य भी संभव करवाना।
बंदिशों के पिंजरा को गिराकर, ऊॅंचे नभ में करतब दिखलाना।
हार से पहले हो अंतिम प्रहार, ये है सफलता का नियम पुराना।