Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2024 · 1 min read

निमन्त्रण पत्र

कुछ दे रहें संज्ञा मौन का
कुछ खामोशी इसे बता रहे
जबकि है वास्तव में है यह….
मेरी शब्द-यात्रा
शामिल होगें ना आप….
लेने को छलकियाँ
सुनने को खामोशी इसकी …..
आइयेगा जरुर,
इन्तजार रहेगा आपका
आपका

Language: Hindi
25 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from NAVNEET SINGH
View all
You may also like:
जब मैसेज और काॅल से जी भर जाता है ,
जब मैसेज और काॅल से जी भर जाता है ,
Manoj Mahato
Just a duty-bound Hatred | by Musafir Baitha
Just a duty-bound Hatred | by Musafir Baitha
Dr MusafiR BaithA
नारी का सम्मान 🙏
नारी का सम्मान 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जब तलक था मैं अमृत, निचोड़ा गया।
जब तलक था मैं अमृत, निचोड़ा गया।
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
धवल चाँदनी में हरित,
धवल चाँदनी में हरित,
sushil sarna
नई बहू
नई बहू
Dr. Pradeep Kumar Sharma
वेदना की संवेदना
वेदना की संवेदना
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
बुंदेली दोहे-फदाली
बुंदेली दोहे-फदाली
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*** आशा ही वो जहाज है....!!! ***
*** आशा ही वो जहाज है....!!! ***
VEDANTA PATEL
चलिए खूब कमाइए, जिनके बच्चे एक ( कुंडलिया )
चलिए खूब कमाइए, जिनके बच्चे एक ( कुंडलिया )
Ravi Prakash
** लोभी क्रोधी ढोंगी मानव खोखा है**
** लोभी क्रोधी ढोंगी मानव खोखा है**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ज़माने की निगाहों से कैसे तुझपे एतबार करु।
ज़माने की निगाहों से कैसे तुझपे एतबार करु।
Phool gufran
लघुकथा कौमुदी ( समीक्षा )
लघुकथा कौमुदी ( समीक्षा )
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सवैया छंदों के नाम व मापनी (सउदाहरण )
सवैया छंदों के नाम व मापनी (सउदाहरण )
Subhash Singhai
वारिस हुई
वारिस हुई
Dinesh Kumar Gangwar
* मन में उभरे हुए हर सवाल जवाब और कही भी नही,,
* मन में उभरे हुए हर सवाल जवाब और कही भी नही,,
Vicky Purohit
मैं अपनी सेहत और तरक्की का राज तुमसे कहता हूं
मैं अपनी सेहत और तरक्की का राज तुमसे कहता हूं
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Pollution & Mental Health
Pollution & Mental Health
Tushar Jagawat
आता एक बार फिर से तो
आता एक बार फिर से तो
Dr Manju Saini
''आशा' के मुक्तक
''आशा' के मुक्तक"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
वो मुझे प्यार नही करता
वो मुझे प्यार नही करता
Swami Ganganiya
"हम मिले थे जब, वो एक हसीन शाम थी"
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
रूपमाला
रूपमाला
डॉ.सीमा अग्रवाल
"दोस्ती"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं  तेरी  पनाहों   में  क़ज़ा  ढूंड  रही   हूँ ,
मैं तेरी पनाहों में क़ज़ा ढूंड रही हूँ ,
Neelofar Khan
भारत देश
भारत देश
लक्ष्मी सिंह
“नया मुकाम”
“नया मुकाम”
DrLakshman Jha Parimal
सूखा पेड़
सूखा पेड़
Juhi Grover
■ मीठा-मीठा गप्प, कड़वा-कड़वा थू।
■ मीठा-मीठा गप्प, कड़वा-कड़वा थू।
*प्रणय प्रभात*
ज़िंदगी फिर भी हमें
ज़िंदगी फिर भी हमें
Dr fauzia Naseem shad
Loading...