Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jan 2022 · 1 min read

निज भाषा का सम्मान करो ( हिंदी दिवस पर विशेष )

हिंदी से कमाते ,
और हिंदी की ही रोटी खाते ।
यह वोह लोग है जो ,
हिंदी जैसी देव भाषा को ,
अपशब्दों हेतु उपयोग करते ।
वार्तालाप में भी प्रचुर मात्रा अंग्रेजी की होती ,
और संवादों में रोमन को महत्व देते ।
यह है नई पीढ़ी के बच्चे ,
और फिल्म जगत के लोग ।
जो अक्सर हिंदी का अपमान करते ।
बहुत दुख होता है ,
बड़ी पीड़ा होती है ,
भारत जैसे सनातन देश में ,
हिंदी की दुर्दशा देखकर ।
जाने क्यों अपनी संस्कृति ,
को छोड़कर विदेशियों का ,
थूका हुआ चाटते ।
अरे सभ्य जनों ! कुछ तो ,
अपने स्वाभिमान और ,
देश के सम्मान का ख्याल करो ।
यूं भारत वासी होकर ,
निज भाषा और संस्कृति का ,
तिरस्कार नही करते ।

Language: Hindi
1 Like · 525 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all

You may also like these posts

Be careful who you build with,
Be careful who you build with,
पूर्वार्थ
द्वारिका गमन
द्वारिका गमन
Rekha Drolia
Where is love?
Where is love?
Otteri Selvakumar
तुझसे दिल लगाने के बाद
तुझसे दिल लगाने के बाद
डॉ. एकान्त नेगी
हमें अपने जीवन को विशिष्ट रूप से देखना होगा तभी हम स्वयं के
हमें अपने जीवन को विशिष्ट रूप से देखना होगा तभी हम स्वयं के
Ravikesh Jha
मेला दिलों ❤️ का
मेला दिलों ❤️ का
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बंध
बंध
Abhishek Soni
"आदमी "
Dr. Kishan tandon kranti
गीतिका
गीतिका
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
जब दादा जी घर आते थे
जब दादा जी घर आते थे
VINOD CHAUHAN
ज़ेहन पे जब लगाम होता है
ज़ेहन पे जब लगाम होता है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
गर्दिशों में जब तारे तुमसे सवाल करें?
गर्दिशों में जब तारे तुमसे सवाल करें?
manjula chauhan
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Tarun Singh Pawar
మువ్వగోపాల మురళీధరాయ..
మువ్వగోపాల మురళీధరాయ..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
बड़ा हीं खूबसूरत ज़िंदगी का फलसफ़ा रखिए
बड़ा हीं खूबसूरत ज़िंदगी का फलसफ़ा रखिए
Shweta Soni
कभी न दिखावे का तुम दान करना
कभी न दिखावे का तुम दान करना
Dr fauzia Naseem shad
प्रकाशित हो मिल गया, स्वाधीनता के घाम से
प्रकाशित हो मिल गया, स्वाधीनता के घाम से
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
मज़बूत होने में
मज़बूत होने में
Ranjeet kumar patre
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
साहित्य गौरव
दिल तो पत्थर सा है मेरी जां का
दिल तो पत्थर सा है मेरी जां का
Monika Arora
रात अंजान है
रात अंजान है
Dr. Rajeev Jain
हमेशा गिरगिट माहौल देखकर रंग बदलता है
हमेशा गिरगिट माहौल देखकर रंग बदलता है
शेखर सिंह
4138.💐 *पूर्णिका* 💐
4138.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*धन्य तुलसीदास हैं (मुक्तक)*
*धन्य तुलसीदास हैं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
मन का डर
मन का डर
Aman Sinha
वर्तमान के युवा शिक्षा में उतनी रुचि नहीं ले रहे जितनी वो री
वर्तमान के युवा शिक्षा में उतनी रुचि नहीं ले रहे जितनी वो री
Rj Anand Prajapati
कर्म योग
कर्म योग
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
* वक्त  ही वक्त  तन में रक्त था *
* वक्त ही वक्त तन में रक्त था *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
..
..
*प्रणय*
- धोखेबाजी का है जमाना -
- धोखेबाजी का है जमाना -
bharat gehlot
Loading...