निज भाषा उन्नति बिना, नहीं पूर्ण है आस।
विधा-करभ दोहा छंद
निज भाषा उन्नति बिना, नहीं पूर्ण है आस।
धर्म कर्म अपना करें, करें पूर्ण विश्वास।1।
कर्म करें अपना सभी, स्वावलंब विश्वास।
अपना भारत देश है, वेश -भेष है खास।2।
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
मौलिक रचना