निचोड
कुछ ही पंक्तियों में निचोड,
नाम श्लोगन, नीति, योजना.
आगे दौड पीछे छोड.
भागे जैसे बैरक तोड़.
नोटबंदी कालेधन पर रोक.
भले भरे स्विस बैंक भंडार.
अब आयेगा धन,जेब से बाहर.
जनधन खाते की शुरुआत,
राष्ट्रीय बैंकों का कर विनिवेश
भारत छोड़ भागे व्यवसायी बाहर.
राष्ट्रीय-कृत बैंक होंगे संख्या में चार
अब डिजिटल इंडिया है तैयार.
तीन बार से ज्यादा निकासी पर
जुर्माने का प्रावधान है तैयार.
प्रधानमंत्री आपदा प्रबंधन खाते
के हिसाब को नहीं है तैयार.
तुम्हारे लेनदेन पर होगी नजर आरपार.
स्वच्छ भारत अभियान
घर घर शौचालय
खाद्यान्न पर मंहगाई की मार,
घर खडी अब घर घर में कार.
बाहर लिखा बी.पी.एल परिवार.
एक किलो के रेट वाली चीज़ पर
छपे एक पाव टमाटर आलू प्याज
के भाव,पहुंच गई खरीद से बाहर.
उज्ज्वला गैस योजना,
सब्सिडी पर भारी मार.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना
खाद बीज बिजली हो गई काबू तै बाहर.
आपदा में अवसर खोजे लें मेरे यार.
जल्द होगी सरकार आपके द्वार.
निचोड निचोड को जनता रहे हमेशा तैयार.
निष्कर्ष पर ही चलते हैं,
मन की बात से तैयार करते है.
अगले ही दिन, हुंकार भरते है.
एकाध साक्षात्कार अक्षय कुमार करते हैं,
व्यक्तित्व की जानकारी से श्रेष्ठ बनते है.
निचोड चलो तीन कृषि कानून से
किसान मजदूरों की आय को दुगुना करते है.
देश की कमान, हम रखते है,
देश की संपदा पूँजीपतियों के अधीन करते हैं.
निचोड
आओ विश्वगुरु हिंदुस्तान की नव नीव रखते है.
लोकतंत्र के नये पहलूओं पर काम करते हैं.।।
तानाशाही, पूंजीवाद, फासीवाद, नाजीवाद
की दलदल में दलबदलुओं का सहयोग लेते है