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25 Jun 2020 · 1 min read

निगाहे दिल रखना सुरेश, जहां में धोखे ही धोखे हैं

दुनिया में मिलते हैं बहुत, जिस्म के चाहने वाले
नहीं पहचानते सीरत, ये सूरत देखने वाले
कभी कमसिन कभी परियां, कभी वे हूर कहते हैं
रिश्ता जोड़ जिस्मानी, नहीं फिर नाम लेते हैं
खुदा की है बड़ी नेमत, जो उसनेे आंख बख्शी है
इस बेदर्द दुनिया को, नजर से जान लेते हैं
ये दुनिया है ही जिस्मानी, यहां किसका भरोसा है
निगाहे दिल रखना सुरेश, जहां में धोखे ही धोखे हैं

10 Likes · 5 Comments · 461 Views
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