Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Feb 2024 · 1 min read

निगाहें मिलाकर चुराना नहीं है,

ग़ज़ल
*********

निगाहें मिलाकर चुराना नहीं है,
मिला कर नजर अब हटाना नहीं है !

भले ही कहे जग मुहब्बत करो तो,
सनम से हक़ीक़त छुपाना नहीं है !

जो लड़ना पड़े गर,ज़रा तुम न डरना,
मगर हां, किसी को सताना नहीं है !

करो जो मुहब्बत करो दिल लगाकर,
जमाने को लेकिन बताना नहीं है !

कोई हाल-ए-दिल,जो पूछे तुम्हारा
कभी भी किसी को बताना नहीं है!

फ़साना यही है, मुहब्बत का यारों
लुटाना है सब कुछ बचाना नहीं है !

जुदाई के दिन या,मिलन की हो रातें
कभी दिल से उनको भुलाना नहीं है !!

__डी के निवातिया__

125 Views
Books from डी. के. निवातिया
View all

You may also like these posts

- तेरे बिना जी नही पाऊंगा -
- तेरे बिना जी नही पाऊंगा -
bharat gehlot
.
.
*प्रणय*
*राखी  आई खुशियाँ आई*
*राखी आई खुशियाँ आई*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
2764. *पूर्णिका*
2764. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जीते जी होने लगी,
जीते जी होने लगी,
sushil sarna
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
10वीं के बाद।।
10वीं के बाद।।
Utsaw Sagar Modi
नित्य अमियरस पान करता हूँ।
नित्य अमियरस पान करता हूँ।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
नेता जी
नेता जी "गीतिका"
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
नारी की स्वतंत्रता
नारी की स्वतंत्रता
SURYA PRAKASH SHARMA
दोस्ती कर लें चलो हम।
दोस्ती कर लें चलो हम।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
माटी करे पुकार 🙏🙏
माटी करे पुकार 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जहां सत्य है वहां पवित्रता है, प्रेम है, एक आत्मिक शांति और
जहां सत्य है वहां पवित्रता है, प्रेम है, एक आत्मिक शांति और
Ravikesh Jha
जीवन एक संघर्ष....
जीवन एक संघर्ष....
Shubham Pandey (S P)
निमन्त्रण पत्र
निमन्त्रण पत्र
NAVNEET SINGH
"पेंसिल और कलम"
Dr. Kishan tandon kranti
धरती के आगे
धरती के आगे
Chitra Bisht
गांव में फसल बिगड़ रही है,
गांव में फसल बिगड़ रही है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अरे आज महफिलों का वो दौर कहाँ है
अरे आज महफिलों का वो दौर कहाँ है
VINOD CHAUHAN
हमने अपने इश्क को छोड़ा नहीं
हमने अपने इश्क को छोड़ा नहीं
Aditya Prakash
जिस पनघट के नीर से, सदा बुझायी प्यास
जिस पनघट के नीर से, सदा बुझायी प्यास
RAMESH SHARMA
" कुछ काम करो "
DrLakshman Jha Parimal
वक्त
वक्त
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
''गॉव की वो लड़की करती है प्यार मुझे''
''गॉव की वो लड़की करती है प्यार मुझे''
शिव प्रताप लोधी
*समृद्ध भारत बनायें*
*समृद्ध भारत बनायें*
Poonam Matia
रंग तिरंगे के छाएं
रंग तिरंगे के छाएं
श्रीकृष्ण शुक्ल
प्रकृति इस कदर खफा हैं इंसान से
प्रकृति इस कदर खफा हैं इंसान से
Harinarayan Tanha
हमारे जमाने में साइकिल तीन चरणों में सीखी जाती थी ,
हमारे जमाने में साइकिल तीन चरणों में सीखी जाती थी ,
Rituraj shivem verma
विधा-कुंडलिया छंद
विधा-कुंडलिया छंद
पूनम दीक्षित
*धन व्यर्थ जो छोड़ के घर-आँगन(घनाक्षरी)*
*धन व्यर्थ जो छोड़ के घर-आँगन(घनाक्षरी)*
Ravi Prakash
Loading...