“निक्कू खरगोश”
“निक्कू खरगोश”
अपने दोस्त के घर से एक दिन
राज निक्कू को घर लेकर आए
प्यारा सा खरगोश घर देखकर
ख़ुशी से बच्चे फूले नहीं समाए,
गोद में लिया तो राजी हुई रानू
रोमी भी देख शैतानी खूब हर्षाए
कुर कुर कुर कुर करता घूम रहा
घास की डंडी तेजी से चबा जाए,
जैसे ही निकाला पिंजरे से बाहर
झटपट से वापिस वहीं घुस जाए
चपाती भी कुतरता पैने दांतो से
लाल टमाटर खाकर खुश हो जाए,
सफेद रंग और मुलायम सा शरीर
दूसरी जगह आकर वो कांप जाए,
गोदी में बैठकर आराम फरमाता
प्यारा सा निक्कू बहुत याद आए।