#निकल_चलो!
जो सीखा जिंदगी से, वही करते अमल चलो !
गर साथ नही चल सके, अकेले ही चल चलो !!
एक बार कि ही गल्तियां, क्यों हर बार बेवजह !
ऐसे ढूंढते रहते जो गल्तियां, उनसे संभल चलो !!
हर बार लगती ठोकरे तो, न मुक्कदर को दोष दो !
बस आँख खोल मेहनत की, तुम राह चल चलो !!
जो हमने किया था अर्ज वह, दिले हाल मर्ज था !
पुराने कर्ज़ का मिटा सूद लो, अब असल चलो !!
थी सूरते मिलती मगर, उनके सीरत में फर्क था !
जो कह गए साथ रहना हो तो, रस्ते बदल चलो !!
हो ख्वाहिशें लाखो भले, हो मिलने को दिल आतुर !
तो आकर सलाम ठोको और, आगे निकल चलो !!
किसी हसरतों को पूरा करने में, होता ही हर्ज़ क्या !
जो सबकी चाहतो की कद्र करते, पल पल चलो !!
©® पांडेय चिदानंद “चिद्रूप”
(सर्वाधिकार सुरक्षित २४/०९/२०१९)