【31】{~} बच्चों का वरदान निंदिया {~}
निंदिया रानी आ जइयो, मुन्ने की अंखियों में छा जइयो
बिन निंदिया मुन्ना रोता है, आकर उसे सुला जइयो
निंदिया रानी…………
(1) रात है अधियारी कारी, पर मुन्ना रोता है भारी
मुन्ना रोता में रोती हूंँ, तू ही आ अब निंदिया री
गुजरा वक्त रात है आधी, खो गई मेरी बिंदिया री
तनिक भी देर करो ना निंदिया, मुन्ना आय सुवा जइयो
निंदिया रानी…………..
(2) मेरा लल्ला नैन दुलारा, आंसू देख सकू न मैं
बिलख-बिलख जब मुन्ना रोता, मछली सी तड़प हूँ मैं
भर बाहों में मैं पुचकारु, मुन्ने का दिल बहलाऊं मैं
मुन्ना नहीं सुला पाई मैं, निंदिया आ समझा जइयो
निंदिया रानी………..
खैमसिंह सैनी
भरतपुर, राजस्थान