” ना हो “
हम सम्मान करें जी-हजूरी ना हो ,
धड़कने महसूस करें इतनी दूरी ना हो ,
हम इंतजार करें कोई मजदूरी ना हो ,
हर बात कहनी पड़े ऐसी कोई मंजूरी ना हो ,
तीसरे की आना पड़े हमारे बीच ऐसी कोई कमजोरी ना हो ,
तुझसे मिल ना सके ऐसी कोई मजबूरी ना हो ।
✍️ ज्योति ✍️