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21 May 2024 · 1 min read

ना होंगे परस्त हौसले मेरे,

ना होंगे परस्त हौसले मेरे,
ना हार कभी मेंने मानी है,
चरैवेति अन्त्योदय पर
शिखर चढ़ना ठानी है।

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