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9 Jun 2020 · 1 min read

ना साकी ना शराब ना पैमाना रह गया.

ना साकी ना शराब ना पैमाना रह गया.
बिगड़ा हुआ रिंद¹ और मयखाना रह गया.

जो रोशन होती थी शमा परवाने के लिए.
बुझ गयी वो शमा बस परवाना रह गया.

वो जिनसे थी हमारी दिवानगी की बातें.
गुम हो गये जाने कहाँ, दिवाना रह गया.

हम उनके प्यार में लुट गये बर्बाद हो गये.
बस उनका ही प्यार निभाना रह गया.

वो अपनायें या ठुकरायें उनकी मर्जी दीप.
तेरा बस उसी चौखट पर ठिकाना रह गया.
1. शराबी
✍️✍️…दीप

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