– ना रुक तू जिंदगी –
ना रुक तू जिंदगी –
चलती ही जा ,
अपने रंग में सबको रंगा,
खुद हंसती रह सदा और
सबको हंसा,
दुःख वेदना को मात दे और सबको वेदना से निजात दिला,
पीड़ाओ के पहाड़ को चीरकर सभी को चलना सीखा,
हालातो से मत घबरा ,
जीत जा और सबका हौसला बढ़ा,
जीतने की सबमें ललक को बढ़ा,
हिम्मत रखकर सबकी हिम्मत बढ़ा,
ना रुक तू जिंदगी चलती ही जा,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान