ना पास ना दूर।
हक़ समझते हों जो किसी पे,
तो जताइए ज़रूर,
हो जो दिल में बात कोई,
तो बताइए ज़रूर,
ना किसी को बहुत करीब रखिए,
ना रखिए बहुत ही दूर,
बातें ना हो तो संदेशों का ही,
बनाए रखिए दस्तूर।
अंबर श्रीवास्तव।
हक़ समझते हों जो किसी पे,
तो जताइए ज़रूर,
हो जो दिल में बात कोई,
तो बताइए ज़रूर,
ना किसी को बहुत करीब रखिए,
ना रखिए बहुत ही दूर,
बातें ना हो तो संदेशों का ही,
बनाए रखिए दस्तूर।
अंबर श्रीवास्तव।