ना जाने
न जाने
—–
न जाने किस बात का उसे गुरूर है
कर के मासूम खता वो मगरूर है
बदल रहा है अपनी फितरत को वो
जुदा खयाल अब उसके कुछ जरूर है
शमा परवीन
न जाने
—–
न जाने किस बात का उसे गुरूर है
कर के मासूम खता वो मगरूर है
बदल रहा है अपनी फितरत को वो
जुदा खयाल अब उसके कुछ जरूर है
शमा परवीन