ना जाने क्यूँ?
ना जाने क्यूँ आज मन बहुत उदास हैं,
ना जाने इसे कैसी आस है,
ये चाहता क्या खास है?
ना जाने ढूंढ़ता क्या आस-पास है,
बस आज मन बहुत उदास है।
आंखों को ना जानें किसका इंतेजार है,
सांसे भी है थमी सी, आंसुओ की धार है,
खाली खाली से दिन, सूना सा संसार है,
ना जानें क्यूँ आज मन बहुत उदास है।
क्या पाया था ऐसा ,जिसको खोने का एहसास है,
ना जाने क्यूँ आज मन बहुत उदास है।।।