नाहक को।
नाहक को।
संभालो।
सब सुन लो,
फ़नकारो।
बदनामी,
होने दो।
हर क़ीमत,
पहचानो।
कैसे हो ?
सरदारो।
ख़ुश्क गला,
दारू लो।
गुस्सा क्यूं ?
बतलाओ।
बातें मत,
उलझाओ।
नखरे कम,
कर भी लो।
ख़त मेरे,
मत फाड़ो।
बारिश में,
कम भीगो।
दिल से यूं,
मत छेड़ो।
ख़ामोशी,
क्यों पालो?
पागलपन,
रहने दो।
हर उलझन,
सुलझाओ।
मरते दम,
साथ रहो।
नदिया के,
पार चलो।
आहिस्ता,
दफ़नाओ।
नाज़ुक दिल,
मत तोड़ो।
अखबारो,
सच बोलो।
मुश्किल से,
खूब लड़ो।
क़िस्मत को,
चमकाओ।
ख़बरों में,
छा जाओ।
पढ़ लिख कर
नाम करो।
ख़तरों से,
लड़ जाओ।
तुकबन्दी,
छोटा ओ।
काबू में,
आ जाओ।
जलना मत,
परवानो।
शम्मा से,
दूर हटो।
पंकज शर्मा परिंदा