नाव
कागज की एक नाव बनाई।
पानी में फिर इसे बहाई।।
कहां-कहां ये जायेगी।
क्या ये वापस आयेगी।।
एक सफेद, एक रंग-बिरंगी।
गुड़िया बना रही बेढंगी।।
नाव के देखो कैसे हाल।
टेढ़ी मेढ़ी चले ये चाल।।
बहती ये पानी के संग।
देखो इसके कैसे ढंग।।
विजय बेशर्म
कागज की एक नाव बनाई।
पानी में फिर इसे बहाई।।
कहां-कहां ये जायेगी।
क्या ये वापस आयेगी।।
एक सफेद, एक रंग-बिरंगी।
गुड़िया बना रही बेढंगी।।
नाव के देखो कैसे हाल।
टेढ़ी मेढ़ी चले ये चाल।।
बहती ये पानी के संग।
देखो इसके कैसे ढंग।।
विजय बेशर्म