नाव तलाशना है
अब सिर्फ नाव तलाशना है..।
दरिया के तट पर खड़ा हुआ हूंँ,
उम्र की दहलीज पर आ गया हूं,
भवसागर के उस पार जाना है,
अब सिर्फ नाव……..।।१।
तूफानों और लहरों से जूझना है,
समुंदर को खुद में समेटना है ,
मुसाफिर को भी शरण देना है ,
अब सिर्फ नाव…….।।२।
जीर्ण-शीर्ण नौका संभालना है,
नाविक बन नाव चलाना है,
नाव भी छोड़ जाना है,
अब सिर्फ नाव………।।३।
किनारे पर बैठ नाव को निहारना है,
दुनिया की रीत को निभाते जाना है,
नाव तलाश सवार हो जाना है,
अब सिर्फ नाव……..।।४।
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बुद्ध प्रकाश ;मौदहा ,हमीरपुर।